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Pune Traffic Issue | PMC Ready with Masterplan

Pune Traffic Issue | PMC Ready with Masterplan – पुणे शहर में ट्रैफिक समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. आज की तारीख में शहर में 70 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड वाहन हैं, जो ट्रैफिक की बढ़ती समस्या का कारण बन रहे हैं. पिछले साल की तुलना में ट्रैफिक ग्रोथ 7-8 प्रतिशत रही है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है.

Pune Traffic के कारण

नए रोड्स और रोड वाइडनिंग की कमी

पुणे में नए रोड्स का निर्माण और रोड वाइडनिंग की योजनाओं की कमी ट्रैफिक समस्या को बढ़ा रही है. यहां पर कोई बड़ी रोड प्लानिंग नहीं हो रही है, जिससे ट्रैफिक की स्थिति और बिगड़ रही है. सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ने से और नई सड़कों के अभाव में मौजूदा सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है.

Public Transport की कमी

पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी के कारण भी ट्रैफिक समस्या बढ़ रही है. मेट्रो का सुचारू रूप से विस्तार नहीं हो पा रहा है, जिससे लोग निजी वाहनों का उपयोग ज्यादा कर रहे हैं. बस सेवाओं की भी कमी है, जिससे लोग अपने वाहन चलाने को मजबूर हो रहे हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार न होने से ट्रैफिक समस्या में कोई राहत नहीं मिल रही है. इसके अलावा, बसों की संख्या कम होने और उनके रूट्स की प्रभावी योजना न होने के कारण लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने से बचते हैं.

Traffic Police की कमी और ट्रैफिक वायलेशंस

पुणे में ट्रैफिक पुलिस की कमी भी एक बड़ा कारण है. ट्रैफिक वायलेशंस की संख्या बढ़ रही है, जिससे ट्रैफिक नियंत्रण में मुश्किलें आ रही हैं. ट्रैफिक नियमों का पालन न करना, ओवरस्पीडिंग और गलत पार्किंग जैसी समस्याओं से भी ट्रैफिक समस्या गंभीर हो गई है. ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन न होने से लोग बेधड़क ट्रैफिक वायलेशंस करते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है.

ट्रैफिक जाम और कार्बन एमिशन

पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे ट्रैफिक जाम के मामले में दुनिया में सातवें नंबर पर था. ट्रैफिक जाम में लोग प्रतिदिन 128 घंटे बिता रहे हैं, जिससे कार्बन एमिशन में भी वृद्धि हो रही है.

ट्रैफिक जाम के प्रभाव

ट्रैफिक जाम के कारण एक कार साल भर में लगभग 1000 किलोग्राम कार्बन एमिशन कर रही है, जिसे अवशोषित करने के लिए 100 से ज्यादा पेड़ों की जरूरत होती है. ट्रैफिक जाम से समय की बर्बादी के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. यह कार्बन एमिशन वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बढ़ाता है, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्याएं भी गंभीर हो रही हैं.

PMC Masterplan

मेट्रो का विस्तार

मेट्रो का विस्तार और फीडर सर्विसेस का इम्प्रूवमेंट ट्रैफिक समस्या का एक महत्वपूर्ण समाधान हो सकता है. इसके साथ ही मेट्रो स्टेशनों पर प्रॉपर पार्किंग की व्यवस्था भी जरूरी है. मेट्रो के विस्तार से पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मजबूत होगा और लोग निजी वाहनों का कम उपयोग करेंगे. मेट्रो के विस्तार से शहर के विभिन्न हिस्सों में आसान और तेज यात्रा संभव हो सकेगी, जिससे ट्रैफिक जाम में कमी आएगी.

यूडीसीपीआर के तहत डेवलपमेंट

पुणे मेट्रो के चार स्टेशनों पर अधिक एफएसआई प्रोवाइड करने की योजना है, जिससे वहां पर हाई राइजेज और कॉमर्शियल डेवलपमेंट हो सकें. यूडीसीपीआर (यूनिफाइड डेवलपमेंट कंट्रोल एंड प्रमोशन रेगुलेशंस) के तहत स्वारगेट, वनाज, पुणे रेलवे स्टेशन और रामनगर, बानेर में अधिक एफएसआई प्रोवाइड किए जाएंगे, जिससे वहां पर अधिकतम विकास हो सकेगा. इससे मेट्रो स्टेशनों के आसपास की जगहों का पूरा उपयोग हो सकेगा और वहां पर नई इमारतों का निर्माण होगा, जिससे ट्रैफिक कम होगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.

स्लम एरिया का डेवलपमेंट

स्लम एरिया के डेवलपमेंट से भी ट्रैफिक समस्या में सुधार हो सकता है. स्लम लोकेशन को डेवलपमेंट में लाकर उन्हें पुनर्वासित किया जाएगा. इससे स्लम एरिया में रहने वाले लोगों को बेहतर जीवनयापन का मौका मिलेगा और ट्रैफिक समस्या में भी कमी आएगी. स्लम एरिया के विकास से वहां के लोगों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक उपयोग करेंगे और ट्रैफिक समस्या में राहत मिलेगी.

साइकिलिंग और वॉकिंग ट्रैक

पुणे शहर में साइकिलिंग और वॉकिंग के लिए प्रॉपर ट्रैक बनाना भी एक समाधान हो सकता है. इससे लोग साइकिलिंग और पैदल चलने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोगों की सेहत भी बेहतर होगी. साइकिलिंग और वॉकिंग के ट्रैक बनने से शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधार होगा और लोगों को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का मौका मिलेगा.

नए पुणे एयरपोर्ट टर्मिनल और रनवे का विस्तार

पुणे एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन 14 जुलाई को होने जा रहा है. इसके साथ ही रनवे का भी विस्तार किया जा रहा है, जिससे बड़े एयरक्राफ्ट्स भी यहां लैंड कर सकें. नए टर्मिनल से यात्री सुविधाओं में सुधार होगा और पुराने टर्मिनल को भी रीडेवलप्ड करने का मौका मिलेगा.

रनवे विस्तार का महत्व

रनवे के विस्तार से इंटरनेशनल फ्लाइट्स की संख्या में भी वृद्धि हो सकेगी, जिससे पुणे की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. रनवे की लंबाई 11000 फीट करने से बड़े-बड़े विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ संभव हो सकेगा. इससे पुणे एयरपोर्ट का महत्व और भी बढ़ जाएगा. रनवे विस्तार से एयरपोर्ट की कैपेसिटी भी बढ़ेगी और अधिक यात्री यहां से सफर कर सकेंगे.

निष्कर्ष

पुणे शहर की ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए मेट्रो का विस्तार, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुधार और स्लम एरिया का डेवलपमेंट महत्वपूर्ण कदम हैं. साथ ही, एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और रनवे के विस्तार से भी शहर की कनेक्टिविटी और ट्रैफिक समस्या में सुधार हो सकेगा. इन प्रयासों से न केवल ट्रैफिक समस्या में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण को भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

इसके साथ ही, साइकिलिंग और वॉकिंग ट्रैक के निर्माण से भी ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोग स्वस्थ जीवनशैली अपना सकेंगे. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सुधार और सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने से भी ट्रैफिक समस्या में कमी आ सकती है. इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाकर और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराकर भी ट्रैफिक नियंत्रण में सुधार हो सकता है.

पुणे शहर की ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना होगा और नागरिकों को भी ट्रैफिक नियमों का पालन करने के प्रति जागरूक होना होगा. इस तरह से हम एक बेहतर और ट्रैफिक-मुक्त पुणे शहर की कल्पना कर सकते हैं.

 

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