NEET Scam: सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला – नीट परीक्षा से जुड़े विवादों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले में कहा गया है कि 1563 छात्रों को या तो री-एग्जाम में बैठना पड़ेगा या उन्हें जो ग्रेस मार्क्स मिले थे, वे हटाकर नया स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश | NEET Scam
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स के कारण उच्च स्कोर मिला था, उन्हें नया स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें उनके ग्रेस मार्क्स हटा दिए जाएंगे। उदाहरण के लिए, यदि किसी छात्र को 720 में से 20 ग्रेस मार्क्स मिले थे, तो उनके नए स्कोर कार्ड में उनके अंक 700 हो जाएंगे। यदि वे इस नए स्कोर कार्ड से संतुष्ट नहीं होते, तो उन्हें 23 जून को होने वाले री-एग्जाम में बैठने का विकल्प दिया जाएगा। एनटीएस इस संदर्भ में जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करेगा और नए एग्जाम का रिजल्ट 30 जून तक आ जाएगा ताकि छात्र जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग में भाग ले सकें।
याचिकाओं का सार | NEET Scam
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने तीन याचिकाएं पेश की गई थीं। पहली याचिका फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे की थी, दूसरी एसआई के सदस्य अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉक्टर शेख स. रोशन की, और तीसरी याचिका एक नीट के उम्मीदवार की थी। इन सभी याचिकाओं का मुख्य मुद्दा ग्रेस मार्क्स देने की प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं।
पहली याचिका
अलख पांडे ने दावा किया था कि 20,000 छात्रों के पास दस्तखत थे, जो एनटीएस की ओर से दिए गए ग्रेस मार्क्स की मनमानी और आर्बिट्रेरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते थे। उनका कहना था कि 60-70 नंबर बहुत अधिक होते हैं और इस तरह से ग्रेस मार्क्स देना अनुचित है।
दूसरी याचिका
अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉक्टर शेख स. रोशन ने भी यही मांग की थी कि फ्रेश एग्जाम्स कराए जाएं और मनमाने ढंग से दिए गए ग्रेस मार्क्स को वापस लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ सेंटर्स पर धांधली और नकल के आरोप लगे थे, जिनकी जांच पूरी होने तक काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए।
तीसरी याचिका
नीट के उम्मीदवार जरप कार्तिक ने नॉर्मलाइजेशन के फॉर्मूले को चैलेंज किया था, जिसके आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। उन्होंने कहा कि यह फॉर्मूला सही नहीं है और इसे वापस लिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर विचार करते हुए फैसला सुनाया कि 1563 छात्रों को या तो री-एग्जाम में बैठना पड़ेगा या उन्हें नया स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें उनके ग्रेस मार्क्स हटाए जाएंगे। यह फैसला छात्रों को विकल्प देता है कि वे अपने नए स्कोर कार्ड से संतुष्ट हों या री-एग्जाम में बैठें।
भविष्य की प्रक्रिया | NEET Scam
अब यह देखना होगा कि 1563 में से कितने छात्र री-एग्जाम में बैठने का फैसला लेते हैं। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है क्योंकि एग्जाम का प्रेशर और तैयारियों का समय एक बड़ा मुद्दा होता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री का बयान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भी इस मामले पर बयान दिया है और कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार और गुजरात के कुछ सेंटर्स पर लगे धांधली के आरोपों की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।