पूजा खेडकर IAS अधिकारी का ट्रांसफर – पूजा खेडकर, एक आईएएस अधिकारी, जो हाल ही में पुणे में सहायक जिल्हाधिकारी के पद पर नियुक्त हुई थीं, उन्हें एक विवादास्पद घटना के बाद वाशिम जिल्हे में स्थानांतरित कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि यह मामला क्या है और पूजा खेडकर के खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं।
मामला क्या है?
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने प्रशिक्षण अवधि के दौरान जिल्हाधिकारी कार्यालय में लाल दिव्य वाली ऑडी कार के साथ प्रवेश किया और वरिष्ठ अधिकारी के चेंबर पर कब्जा करने की कोशिश की। इस घटना की रिपोर्ट सीधे मंत्रालय को भेजी गई, जिसके बाद तुरंत ट्रांसफर के आदेश जारी किए गए।
लाल दिव्य वाली ऑडी कार का उपयोग
पूजा खेडकर पर यह आरोप है कि उन्होंने जिल्हाधिकारी कार्यालय में लाल दिव्य वाली ऑडी कार के साथ प्रवेश किया, जो कि सरकारी नियमों का उल्लंघन है। सरकारी अधिकारियों के लिए निजी गाड़ियों पर लाल दिव्य का उपयोग वर्जित है, और इस कारण से यह मामला गंभीर हो गया।
वरिष्ठ अधिकारी के चेंबर पर कब्जा
प्रशिक्षण अवधि के दौरान पूजा खेडकर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी के चेंबर पर कब्जा करने की कोशिश की। यह एक अनुशासनहीनता का मामला है, जिसे प्रशासन में गंभीरता से लिया जाता है।
आरोपों की जांच
पूजा खेडकर के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं:
- प्रशिक्षण के दौरान अनुचित व्यवहार: पूजा खेडकर पर यह आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी के चेंबर पर कब्जा करने की कोशिश की।
- निजी वाहन का गलत इस्तेमाल: उन्होंने अपनी निजी गाड़ी पर लाल दिवा और “महाराष्ट्र शासन” लिखा हुआ इस्तेमाल किया।
- विभागीय आचार संहिता का उल्लंघन: पूजा खेडकर की वर्तवणूक को संधी अधिकारि अशोकनी के रूप में ठहराया गया।
अनुचित व्यवहार
प्रशिक्षण के दौरान पूजा खेडकर का वरिष्ठ अधिकारी के चेंबर पर कब्जा करने का प्रयास एक गंभीर मामला था। इससे यह संदेश जाता है कि उन्होंने प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन किया और अपने पद का दुरुपयोग किया।
निजी वाहन का गलत इस्तेमाल
सरकारी नियमों के अनुसार, निजी गाड़ियों पर लाल दिवा और “महाराष्ट्र शासन” लिखना प्रतिबंधित है। पूजा खेडकर का इस नियम का उल्लंघन उनके प्रशासनिक नैतिकता पर सवाल उठाता है।
विभागीय आचार संहिता का उल्लंघन
पूजा खेडकर की वर्तवणूक को संधी अधिकारि अशोकनी के रूप में ठहराया गया। यह आरोप प्रशासनिक सेवाओं में अनुशासन और आचार संहिता के महत्व को दर्शाता है।
रिपोर्ट और ट्रांसफर
पुणे के जिल्हाधिकारी सुहास दिवसे ने मुख्य अप्पर सचिव को एक 25 पन्नों की रिपोर्ट भेजी, जिसमें पूजा खेडकर की अनुचित वर्तवणूक का विस्तृत विवरण था। इस रिपोर्ट के आधार पर, पूजा खेडकर का ट्रांसफर वाशिम जिले में कर दिया गया।
रिपोर्ट का विवरण
रिपोर्ट में पूजा खेडकर के सभी आरोपों का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस रिपोर्ट के कारण ही मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया।
पूजा खेडकर का परिचय
पूजा खेडकर का परिवार प्रशासनिक सेवाओं में लंबा अनुभव रखता है:
- वडील: दिलीप खेडकर, पूर्व प्रदूषण विभाग आयुक्त
- आई: डॉक्टर मनोरा खेडकर, पाथर्डी तालुक्यातील भालगाव की लोकनियुक्त सरपंच
- आजोबा: जगनाथराव बुधवंत, माजी IAS अधिकारी
परिवार का प्रशासनिक पृष्ठभूमि
पूजा खेडकर का परिवार प्रशासनिक सेवाओं में गहरी जड़ें रखता है। उनके पिता दिलीप खेडकर प्रदूषण विभाग के पूर्व आयुक्त हैं और उनकी माँ डॉक्टर मनोरा खेडकर पाथर्डी तालुक्यातील भालगाव की लोकनियुक्त सरपंच हैं। उनके आजोबा, जगनाथराव बुधवंत भी एक माजी IAS अधिकारी थे।
निष्कर्ष
पूजा खेडकर का यह मामला प्रशासनिक सेवाओं में अनुशासन और आचार संहिता के महत्व को रेखांकित करता है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि किसी भी अधिकारी को अपने पद की गरिमा और नियमों का पालन करना अनिवार्य है। पूजा खेडकर के ट्रांसफर के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी आगे की यात्रा कैसे होती है और वे इन आरोपों का कैसे सामना करती हैं।